ऑफलाइन पंजीकरण…ऋषिकेश में 12 काउंटर भी पड़े कम, भीड़ नियंत्रण करने में प्रशासन का फूल रहा दमचारधाम यात्रा पंजीकरण के लिए शुरू की गई टोकन की व्यवस्था से यात्री परेशान हो रहे हैं।
दूसरे दिन भी कई यात्रियों का जब काउंटर पर नंबर आया तो उनसे टोकन मांग लिया गया। टोकन था नहीं तो आईएसबीटी में इसे लेने जाना पड़ा। वहां पहुंचे तो टोकन ही खत्म हो गए थे। इस व्यवस्था से परेशान कई यात्रियों ने टोकन बंद करने की मांग की। वहीं, पंजीकरण के दौरान सर्वर धीमा होने से व्यवस्थाएं और चरमराई रहीं।
चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को पंजीकरण कराने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। वहीं, काउंटर की व्यवस्था बनाने और भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन का पसीना छूट रहा है। बृहस्पतिवार को कई यात्री ऐसे मिले जिन्हें टोकन के लिए बुधवार को आईएसबीटी स्थित पर्यटन विभाग की बिल्डिंग में भेजा गयाउन्हें वहां टोकन नहीं मिला। बृहस्पतिवार की सुबह वे फिर से उसी बिल्डिंग में गए लेकिन दो काउंटरों पर करीब एक हजार लोग पहले से खड़े थे। लाइन लंबी होती जा रही थी।
एक हजार लोगों को टोकन देने के बाद टोकन देना बंद कर दिया गया, इससे उन्हें फिर से टोकन नहीं मिला। इन यात्रियों में महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल थे।प्रशासन ने पंजीकरण के काउंटरों की संख्या आठ से 12 करा दी लेकिन यात्रियों की भीड़ के सामने चार अतिरिक्त काउंटर भी कम पड़ गए। बृहस्पतिवार को स्थिति यह रही कि एक काउंटर के आगे 200-200 तीर्थयात्री खड़े थे। कैंप में इतने यात्री बड़ी मुश्किल से समा पा रहे थे।ट्रांजिट कैंप में पंजीकरण के दौरान सर्वर के धीमे होने से यात्रियों का विवरण अपलोड नहीं हो पा रहा था। इससे यात्रियों को काफी देर तक काउंटर पर खड़े रहना पड़ रहा था। पंजीकरण हॉल में भीषण गर्मी पड़ रही थी।