भीषण गर्मी के बीच मानसून कुछ दिन और इंतजार करा सकता है। सामान्य तौर पर 20-21 जून को मानसून उत्तराखंड पहुंच जाता है। इस बार 10 जून से मानसून का दक्षिणी हिस्सा महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ में अटका है।
पूर्वी छोर 31 मई से ही बंगाल व बिहार की सीमा से आगे नहीं बढ़ा है। हालांकि अगले दो-तीन दिन में मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हो गई हैं, लेकिन इसके उत्तराखंड पहुंचे तक पांच से सात दिन का समय लग सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार 10 जून के बाद से ही गर्म पछुवा हवाएं मानसून की राह रोक रही। जिस कारण रिकॉर्ड गर्मी देखने को मिली। उम्मीद रूपी नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय में पहुंच गया। जिसकी वजह से मंगलवार रात डीडीहाट व शामा में वर्षा हुई।
बुधवार दोपहर में गंगोलीहाट, चंपावत, पिथौरागढ़ में तेज हवा के साथ वर्षा हुई। इससे तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट आई है। बुधवार को चंपावत का तापमान 29.2 डिग्री व पिथौरागढ़ का 33.6 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को भी कुछ जगह छिटपुट वर्षा होने का अनुमान है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि 8-10 दिनों से स्थिर चल रहे मानसून के अगले दो-तीन दिनों में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, तटीय आंध्र प्रदेश, बंगाल के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हो गई हैं
मानसून तय गति से आगे बढ़ा तो 26 जून के आसपास उत्तराखंड पहुंच जाएगा। आने वाले दिनों में आंशिक बादलों के बीच कहीं कहीं हल्की वर्षा के बाद 24 जून से वर्षा गति पकड़ेगी।