बिग ब्रेकिंग:- देहरादून महापौर के टिकट पर BJP में हलचल, पर्यवेक्षकों ने भेजी इन तीन नामों की सूची

निकाय चुनाव में टिकट को लेकर भाजपा में जल्द स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है। रायशुमारी के बाद पर्यवेक्षकों ने देहरादून नगर निगम के महापौर और पार्षद पद के दावेदारों में से तीन-तीन नामों के पैनल पार्टी मुख्यालय को भेज दिए हैं। अब तीन दावेदारों में ही टिकट की दौड़ बची है। जिस पर निर्णय प्रदेश पदाधिकारियों के हाथ में है। हालांकि, अभी तक नामों को लेकर कयास का दौर जारी है। संभवत: दो से तीन दिन में टिकट घोषित हो सकते हैं।

 

भाजपा महानगर कार्यालय में हाल ही में मंडल से लेकर विभिन्न प्रकोष्ठ की रायशुमारी हुई। जिसमें महापौर से लेकर पार्षदों के दावेदारों को लेकर सुझाव मांगे गए। देहरादून नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा में आलाकमान ने पूर्व संगठन मंत्री सुरेश भट्ट, पुरोला विधायक दुर्गेश लाल और पूर्व जिलाध्यक्ष संजय गुप्ता को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। तीनों पर्यवेक्षक महानगर कार्यालय में मंडल स्तर से प्राप्त हो रहे सुझावों के आधार पर नामों की सूची तैयार की।

 

 

 

मंगलवार देर शाम पर्यवेक्षकों की ओर से रिपोर्ट पार्टी मुख्यालय भेज दी गई, जिसमें उन्होंने तीन नाम का पैनल पार्टी के पदाधिकारियों को दिया है। अब बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष की उपस्थिति में देहरादून के पर्यवेक्षकों और चुनाव प्रभारियों की महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और उनके फीडबैक के अनुसार नाम पर विचार किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, आगामी गुरुवार को पार्षद प्रत्याशियों की सूची जारी की जा सकती है। जबकि, महापौर के टिकट की घोषणा शुक्रवार को संभव है।

 

 

 

 

इसके अलावा कई महिला कार्यकर्ता नाराजगी व्यक्त करने भी कार्यालय पहुंच रही हैं। उनकी शिकायत है कि वर्षों से पार्टी के लिए कार्य करने के बावजूद नए-नए कार्यकर्ताओं को तरजीह दी जा रही है।

 

 

 

चंद्रबनी वार्ड के पूर्व पार्षद सुखबीर बुटोला इस बार सीट महिला आरक्षित होने के कारण खुद तो चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी को बतौर दावेदार पेश किया है। भाजपा महानगर कार्यालय में उनकी पत्नी आवेदन भी कर चुकी हैं। अब पूर्व पार्षद की फेसबुक पर एक पोस्ट चर्चा का विषय बनी है। जिसमें वह जनता से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा कर रहे हैं। अपने कार्य गिनाते हुए उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए सहयोग मांगा है।

 

 

 

भाजपा नेता रहे धर्मपाल घाघट ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। उन्होंने बाबासाहेब आंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी से आहत होने के कारण यह निर्णय लेने की बात कही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में धर्मपाल घाघट ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ली। धर्मपाल घाघट पिछड़े वर्ग के लिए संघर्ष करने का संकल्प लेते हुए कांग्रेस को मजबूत बनाने का दावा कर रहे हैं।

 

 

भाजपा नेता रहे धर्मपाल घाघट ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। उन्होंने बाबासाहेब आंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी से आहत होने के कारण यह निर्णय लेने की बात कही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में धर्मपाल घाघट ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ली। धर्मपाल घाघट पिछड़े वर्ग के लिए संघर्ष करने का संकल्प लेते हुए कांग्रेस को मजबूत बनाने का दावा कर रहे हैं।

 

 

पर्यवेक्षक भले ही अपनी रिपोर्ट पार्टी मुख्यालय भेज चुके हों, लेकिन भाजपा महानगर कार्यालय में पार्षद पद पर दावेदारी करने के लिए अब भी आवेदन पहुंच रहे हैं। मंगलवार को ही करीब एक दर्जन दावेदार महानगर कार्यालय पहुंचे। यहां दावेदार और कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी रही। महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल को आवेदन सौंपे जा रहे हैं, जिन्हें पार्टी मुख्यालय को उपलब्ध कराया जा रहा है।

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