राज्य सूचना आयोग में अब अपील और शिकायतों के पंजीकरण के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के लोग भी घर बैठे शिकायतों का पंजीकरण कराने के साथ ही अपील में भी शामिल हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल से लोगों को काफी मदद मिलेगी। अपीलों की सुनवाई में आने-जाने में समय बचेगा। सूचना का अधिकार एक्ट से लोगों की ओर से शासन-प्रशासन से संबंधित अपनी व्यक्तिगत व सामुदायिक कठिनाइयों का निराकरण करने में और आसानी हो जाती है। कहा, आज शुरू की गई ऑनलाइन सुविधाओं का सबसे अधिक लाभ राज्य के दूरस्थ एवं पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को प्राप्त होगा।
कहा, उन्हें सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन एवं प्रथम अपील ऑनलाइन रूप से करने की सुविधा प्राप्त होने के साथ-साथ द्वितीय अपील में भी अपने स्थान से ही शामिल होने की सुविधा मिलेगी। उन्होंने आशा जताई कि जनसामान्य की ओर से इन सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाया जाएगा।
मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने बताया, द्वितीय अपीलों एवं शिकायतों के ऑनलाइन पंजीकरण तथा हाईब्रिड मोड से सुनवाई में भाग लेने की दोनों सुविधा तत्काल जनसामान्य के लिए उपलब्ध करा दी गई। पोर्टल में समस्त विभागों के लोक सूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों की आईडी तैयार की जाएगी।
कहा, अधिकारियों को पोर्टल पर कार्य का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जल्द ही पोर्टल से जनसामान्य की ओर से सूचना आवेदनपत्र, आवेदन शुल्क व प्रथम अपील को ऑनलाइन रूप से भी प्रेषित किया जा सकेगा। कहा, दिसंबर 2023 में आयोग ने 521 सुनवाई करते हुए 299 वादों को निस्तारित किया। जनवरी 2022 से दिसंबर 2023 तक की अवधि में आयोग ने 11,037 सुनवाई से 6735 वादों का निस्तारण किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, राज्य सूचना आयुक्त विवेक शर्मा, विपिन चंद्रा, अर्जुन सिंह, योगेश भट्ट, सचिव दीपेंद्र चौधरी, अपर सचिव प्रताप सिंह शाह, सचिव सूचना आयोग अरविंददेपांडेय भी मौजूद रहे।