Big breaking :-नई सरकार बनते ही होने लगी 8th Pay कमीशन 8th Pay Commission की मांग, कर्मचारी यूनियनों ने सरकार को लिखा पत्र

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आठवां वेतन आयोग जनवरी 2026 में आने की संभावना है। साल की शुरुआत में 7 मार्च को केंद्रीय कैबिनेट ने महंगाई भत्ता (DA) 4 फीसदी बढ़ाकर बेसिक सैलरी का 50 फीसदी करने की मंजूरी दी गई थी।सरकार के 4 प्रतिशत डीए बढ़ोतरी का सीधा फायदा देश के 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स को मिला है। ये नई दरें 1 जनवरी 2024 से लागू हो गई हैं। महंगाई भत्ते के अलावा कर्मचारियों के लिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में भी बढ़ोतरी की गई थी।

 

 

केंद्रीय कर्मचारी कर रहे हैं 8वें वेतन आयोग की डिमांड

DA बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक पहुंच गया है। केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों की कई यूनियनें डीए के 50 फीसदी पहुंचने के बाद सरकार से 8वां वेतन आयोग लाने की मांग कर रही है। रेलवे यूनियनों सहित कई केंद्रीय सरकारी निकायों ने 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग उठानी शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है।

 

 

कर्मचारी यूनियनों ने सरकार को लिखा पत्र

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (Do&PT) को लिखे एक लेटर में भारतीय रेलवे तकनीकी पर्यवेक्षक संघ ने सरकार से 8वें वेतन आयोग का गठन करने और भविष्य की विसंगतियों को कम करने के लिए सभी मौजूदा विसंगतियों को दूर करने का आग्रह किया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (Do&PT) ने इस लेटर पर आगे की कार्रवाई के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री के Expenditure Department को भेज दिया है। व्यय मंत्रालय (Expenditure Department) वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।साल 2014 में आया था 7वां वेतन आयोग

 

 

 

वर्तमान 7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था और इसकी सिफारिशें 2016 में लागू हुईं। इसके बाद अब तक केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में लगभग 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुकी है। आमतौर पर हर 10 साल में एक केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया जाता है। हालांकि, ऐसा कानूनन अनिवार्य नहीं है। वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं और फायदों को बनाने जांच करने, समीक्षा, डेवलपमेंट और बदलाव की सिफारिश करता है। पहला वेतन आयोग 1946 में लागू हुआ था।डीए कैलकुलेट करने का है फॉर्मूला

 

 

 

डीए सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है, जबकि डीआर पेंशनर्स को दिया जाता है। डीए और डीआर में साल दो बार बढ़ोतरी की जाती है। डीए और डीआर बढ़ोतरी अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू (CPI-IW) के 12 महीने के औसत में प्रतिशत बढ़ोतरी के आधार पर तय की जाती है। हालांकि, केंद्र सरकार हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को भत्तों में संशोधन करती है, लेकिन आम तौर पर निर्णय की घोषणा मार्च और सितंबर या अक्टूबर में की जाती है। 2006 में केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए डीए और डीआर के कैलकुलेशन करने के फॉर्मूले को रिवाइज किया था।










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