लंबे समय से हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करने की डिमांड चर्चाओं में रही है। इसको लेकर कोर्ट को हल्द्वानी के गोलापार में शिफ्ट करने की बात भी हुई। लेकिन हाल फिलहाल में वन विभाग की अड़चनों के चलते मामला खटाई में पड़ गया।
लेकिन इसी बीच हाईकोर्ट नैनीताल के मुख्य न्यायाधीश ने इस बात को लेकर कहा कि हल्द्वानी में कोर्ट का बनना अगर मुश्किल है तो इसके लिए देहरादून में ऋषिकेश की आईडीपीएल से बेहतर स्थान नहीं हो सकता अतः इसको वहीं शिफ्ट करना ही बेहतर विकल्प होगा।
इस बात को लेकर बृहस्पतिवार को लेकर देहरादून बार एसोसिएशन ने भी स्वीकार किया कि वास्तव में इससे बेहतर विकल्प कोई हो ही नहीं सकता।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव शर्मा बंटू ने पत्रकार वार्ता में बताया कि नैनीताल में बैठे हुए वकीलों का हित तो इसमें हो सकता है लेकिन पूरे उत्तराखंड के लोगो के लिए आईडीपीएल ही सही विकल्प हो सकता है।
उन्होंने कहा कि न तो ये आम आदमी से बहुत दूर हैं और न ही दून और ऋषिकेश के होटल नैनीताल जितने महंगे है और न ही यहां पार्किग की दिक्कत होगी। भविष्य में हाईकोर्ट का सारा सिस्टम बढ़ना ही है। इसीलिए आने वाले समय के हिसाब से ही हाईकोर्ट को बनाना पड़ेगा। जिसके लिए यहां किसी चीज की कमी नहीं होगी।
इस बात को बल देने की लिए आम सहमति बनानी जरूरी है।
हालांकि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने ये भी कहा हे कि इस बात के लिए जनमत तैयार किया जाए और ये देखा जाए कि आईडीपीएल के अलावा और किस जगह पर इसको बनाया जा सकता है।जिसके लिए देहरादून बार एसोसिएशन पहल करने जा रहा है। शुक्रवार को आम सहमति बनाने के लिए एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया है जिसने गढ़वाल की 20 बार एसोसिएशनो को आमंत्रित किया गया है। साथ ही इस बैठक में बार काउंसिल के 20 में से 13 सदस्य भी शिरकत करेंगे।
इस दौरान दून बार के सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बैठक को देहरादून के सिद्धार्थ होटल में शुकवार को आयोजित किया जाना है।
पत्रकार वार्ता के दौरान अध्यक्ष,राजीव शर्मा के साथ सचिव राजबीर सिंह बिष्ट,उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिसोदिया,
सह सचिव अनिल बिष्ट,
लाइब्रेरियन सुभाष परमार,
ऑडिटर ललित भंडारी, कार्यकारणी सदस्य सुयश कुकरेती,,दीपक त्यागी,,
अभिषेक डोबरियाल,अजय कुमार,,आरती रावत आदि मौजूद थे।