जमरानी और सौंग बांध परियोजनाओं पर सितंबर से शुरू होगा काम, पढ़ें उत्तराखंड के दोनों महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की लेटेस्ट अपडेट
प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण जमरानी बांध बहुद्देश्यीय परियोजना और सौंग बांध पेयजल परियोजना पर इसी वर्ष सितंबर से काम प्रारंभ होगा। जमरानी बांध से हल्द्वानी शहर व उसके आसपास के क्षेत्रों के लिए 117 एमएलडी पेयजल उपलब्ध होगा। चालू वित्तीय वर्ष में जमरानी बांध परियोजना के लिए 710 करोड़ और सौंध बांध परियोजना के लिए 300 करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया गया है।
प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण जमरानी बांध बहुद्देश्यीय परियोजना और सौंग बांध पेयजल परियोजना पर इसी वर्ष सितंबर से काम प्रारंभ होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में इन परियोजनाओं पर जल्द कार्य करने के मद्देनजर सितंबर तक सभी कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए। चालू वित्तीय वर्ष में जमरानी बांध परियोजना के लिए 710 करोड़ और सौंध बांध परियोजना के लिए 300 करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया गया है
जमरानी बांध परियोजना के आकार लेने पर इससे हल्द्वानी शहर व उसके आसपास के क्षेत्रों के लिए 117 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इसके अलावा 57 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खेती के लिए सिंचाई सुविधा मिलेगी। सौंग बांध परियोजना से देहरादून शहर व उपनगरीय क्षेत्रों के लिए वर्ष 2053 तक की अनुमानित आबादी के लिए ग्रेविटी से 150 एमएलडी पेयजल की उपलब्धता होगी
शहरों में ड्रेनेज प्लान व फ्लड प्लेन जोनिंग में लाएं तेजी
मुख्यमंत्री ने राज्य के शहरों के मास्टर ड्रेनेज प्लान और फ्लड प्लेन जोनिंग से संबंधित कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि 14 महत्वपूर्ण शहरों में ड्रेनेज प्लान पर कार्य चल रहा है। देहरादून शहर का सर्वे भी पूर्ण कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने नदियों पर घाटों के निर्माण पर ध्यान देने, बाढ़ सुरक्षा कार्यों में तेजी लाने, पर्वतीय क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा बढ़ाने व नहरों के अनुरक्षण पर ध्यान देने के निर्देश भी दिए
मुख्यमंत्री ने नैनीताल के बलियानाला, चमोली के हल्दापानी और पिथौरागढ़ के ग्वालगांव में भूस्खलन व भूधंसाव से प्रभावित क्षेत्र में उपचारात्मक एवं सुरक्षात्मक कार्य तेजी से पूर्ण करने को कहा। बैठक में जानकारी दी गई कि पेयजल, पर्यटन विकास, मत्स्य पालन व भूजल संवर्द्धन के लिए पिथौरागढ़ में थरकोट झील, चंपावत में कोलीढेक झील व अल्मोड़ा में गगास नदी पर जलाशय का निर्माण किया गया है। धारचूला में काली नदी पर स्थित घटगाढ़ नाले से भारत-नेपाल पुल तक तटबंध सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी दिए निर्देश
जल स्तर बढ़ाने के लिए बांधों से सिल्ट निकालने व ड्रेजिंग सिस्टम के लिए दो माह में प्रस्तुत करें ठोस कार्ययोजना।
पिंडर और कोसी नदी को आपस में जोड़ने के लिए राज्य स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही में लाएं तेजी।
गंगा व उसकी सहायक नदियों में गंदगी न जाए, इसके लिए ऐसे नाले चिह्नित किए जाएं, जो एसटीपी से नहीं जुड़े हैं।