उत्तराखंड के इस पहाड़ी शहर में खौफ का ‘कर्फ्यू’, शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक घर से निकलने पर रोक
Leopard Attack in Uttarakhand गंगादर्शन मोड़ स्थल श्रीनगर में बुघाणी रोड से रतूड़ा बैंड क्षेत्र तक ऐठाणा से ग्लासहाउस तक और ऐठाणा वाली रोड क्षेत्र में सायं सात बजे से प्रात छह बजे तक यह कर्फ्यू रहेगा। जनता की सुरक्षा और गुलदार को पकड़ने के अभियान को और प्रभावी बनाने को लेकर प्रशासन ने गुलदार प्रभावित चार क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है।:
गुलदार के हमले से प्रभावित क्षेत्रों में जनता की सुरक्षा और गुलदार को पकड़ने के अभियान को और प्रभावी बनाने को लेकर प्रशासन ने गुलदार प्रभावित चार क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू लगाने का निर्णय लियागंगादर्शन मोड़ स्थल, श्रीनगर में बुघाणी रोड से रतूड़ा बैंड क्षेत्र तक, ऐठाणा से ग्लासहाउस तक और ऐठाणा वाली रोड क्षेत्र में सायं सात बजे से प्रात: छह बजे तक यह कर्फ्यू रहेगा। अन्य क्षेत्रों में स्थिति सामान्य रहेगी। इस कर्फ्यू के कारण यात्रा व्यवस्था में कोई व्यवधान नहीं होगा।वन विभाग के कर्मी भी इस बात से सहमत हैं कि गुलदार ऊपर पहाड़ी क्षेत्र से इन्हीं स्थानों से होता हुआ आबादी की ओर आता-जाता है। उसने अब तक जो हमले किए वह भी इन्हीं क्षेत्रों में लगाए गए 11 पिंजरों में नहीं फंसा गुलदार
श्रीनगर श्रीकोट क्षेत्र में आतंक मचा रहे गुलदार को मारने के लिए वन विभाग का शूटर भी तैनात हो गया है। टिहरी से विभाग के शूटर धन सिंह ने श्रीनगर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है। बीते बुधवार देर सांय को भी गुलदार ग्लासहाउस क्षेत्र में दिखाई दिया।
गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा श्रीनगर में छह और श्रीकोट में पांच पिंजरे लगाए गए हैं। लेकिन यह 11 पिंजरे अभी खाली ही हैं। पिंजरों के आसपास कुल 16 ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं जिससे वन विभाग के कर्मी गुलदार की गतिविधियों को भी देख रहे हैं।वन क्षेत्राधिकारी ललितमोहन नेगी के नेतृत्व में 15-15 वन कर्मियों की दो टीमें श्रीनगर और श्रीकोट में गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में लगातार गश्त भी कर रही हैं। श्रीनगर क्षेत्र में आतंक मचा रहे गुलदार के पिंजरे में कैद नहीं होने से जनता में भय भी बना हुआ है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में आकर गुलदार के हमला करने से लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हो रही है।यात्रा भी चरम पर है, देर रात तक भी लोगों की आवाजाही शहरी क्षेत्र में बनी रहती है। गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा क्षेत्र में 11 पिंजरे लगाए गए हैं। गुलदार को बेहोश कर पकड़ने की योजना को लेकर वन विभाग की दो ट्रेंकुलाइजर टीम भी गश्त कर रही है।