जम्मू कश्मीर के वर्तमान हालातों को देखते हुए सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बड़े अधिकारियों के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय में बैठक हुई. इस बैठक के दौरान जम्मू के वर्तमान हालातों पर प्रधानमंत्री की वहां 21 जून को संभावित यात्रा तथा अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में स्पष्ट तौर पर बताया गया कि पिछले दिनों जम्मू से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर के जरिए भारत में घुसपैठ लगातार बढ़ रही है.
साथ ही संभावित अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देना चाहती है.
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के दौरान अमरनाथ यात्रा पर होने वाले संभावित खतरे की भी समीक्षा की गई और उसके बाद निर्देश दिए गए कि अमरनाथ यात्रा को लेकर वहां 500 से ज्यादा अर्ध सैनिक बलों की कंपनियां सुरक्षा में तैनात की जाएंगी. इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी समेत सभी अर्धसैनिक सुरक्षा बल शामिल होंगे. बैठक में कहा गया कि पंजाब में मौजूद कंपनियों को अब वापस जम्मू भेज दिया जाए जिन्हें वहां चुनाव के दौरान तैनात किया गया था.
सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब जम्मू में भी कश्मीर की तर्ज पर आतंकवादियों के समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. इनमें उनकी संपत्ति जब्ती से लेकर उन पर गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमे भी शामिल हैं. ऐसे लोगों की लिस्ट बनाई जाएगी जो आतंकवादियों के समर्थक हैं और उनके परिवार तक के लोगों को सरकारी नौकरी न दिए जाने पर विचार किया जा रहा है. इस बैठक में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के अलावा सैन्य खुफिया शाखा गृह मंत्रालय की कश्मीरी डिविजन समेत अनेक महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारी शामिल थे.