Chardham Yatra: अधूरी व्यवस्था और तीर्थयात्रियों की भीड़…ऋषिकेश में पंजीकरण काउंटर पर बेहोश हो रहे यात्री10 मई को यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं। 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। अधूरी तैयारियों के साथ चारधाम यात्रा का आगाज हो रहा है। पंजीकरण काउंटर के बाहर यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है। तेज धूप और गरमी के कारण यात्री बेहोश हो रहे हैं। यात्रा प्रशासन की ओर से तीर्थयात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। जिससे तीर्थयात्री परेशान हो रहे हैं।
बुधवार को चारधाम यात्रा बस ट्रांजिट कैंप में तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण की सुविधा शुरू हो गई है। कैंप परिसर में सुबह 5 बजे से पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई। पंजीकरण के लिए यात्रा प्रशासन की ओर से आठ काउंटर बनाए गए हैं। पहले ही दिन पंजीकरण काउंटर के बाहर अव्यवस्थाएं नजर आई। यात्रा प्रशासन की ओर से यहां महिला, बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए कोई व्यवस्थाएं नहीं दिखी। यात्रा परिसर में लगे शामियाने के नीचे सीलिंग फैन बंद थे।बुधवार को पंजीकरण की लाइन में खड़े मध्यप्रदेश के सेवाराम (75) बेहोश हो गए।
स्वास्थ्य कैंप के कर्मचारियों ने प्राथमिक उपचार किया। सीतापुर के विशाल शुक्ला और दिल्ली के अशोक ने बताया कि वह सुबह पांच बजे से पंजीकरण काउंटर के बाहर लाइन में खड़े थे। तेज धूप और गरमी के कारण करीब 10:30 उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। जिन्हें अन्य यात्रियों की मदद से स्वास्थ्य कैंप तक पहुंचाया गया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा तीर्थयात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।महाराष्ट्र के तीर्थयात्री अनिल ने बताया कि पंजीकरण काउंटर पर कोई व्यवस्था नहीं है। सुबह से लाइन में खड़े हैं।
सबसे अधिक परेशानी महिला और बुजुर्गों को हो रही है। राजस्थान के गोपाल शर्मा ने बताया कि यात्रा परिसर में पेयजल की व्यवस्था नहीं है। चार-चार जगह वाटर कूलर लगाए गए हैं लेकिन किसी में पेयजल की सुविधा नहीं है। जगन्नाथपुरी उड़ीसा के नागेंद्रनाथ मिश्र ने बताया कि पंजीकरण के नाम पर स्थानीय प्रशासन तीर्थयात्रियों को परेशान कर रहा है।
सीतापुर के अभिषेक शुक्ला ने बताया कि यात्रा परिसर में लगे सीलिंग फैन बंद पड़े हैं।ट्रांजिट कैंप परिसर में बने शौचालय बदहाल स्थिति में हैं। शौचालयों के फ्लश टैंक टूटे हुए है। हाथ धोने के लिए साबुन नहीं है। स्नानघर में लगे शावर और टोंटियां गायब हैं। स्नान के लिए कहीं बाल्टी तो कहीं जग गायब है। डॉरमेट्री की चादर गंदी हो रखी है। यहां चादरों को नहीं बदला जा रहा है।